बिना कोडिंग नॉलेज के फ्री में ब्लॉग बनाये और पैसा कमाए- friends आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि ब्लॉग क्या है और कैसे बनाये इसके लिये सबसे पहले हमें ये जानना होगा कि 

ब्लॉगिंग क्या है ? 

आसन शब्दों में अपने पास मौजूद ज्ञान को अन्य लोगो के साथ ऑनलाइन एक वेबसाइट के द्वारा शेयर करने के कला ब्लॉगिंग कहलाती है, और जो ऑनलाइन ब्लॉग चलता है उसे ब्लॉगर कहते है | ब्लॉगिंग में ब्लॉगर अपने मनपसंद विषय पे ब्लॉग लिखता है, अर्थात उस विषय की जानकारी मुहैया करवाता है, और साथ में अपना एक कस्टमर बेस बनता है, और उनसे कई तरीको से लाभ कमाता है | तो हम कह सकते है, ब्लॉग किसी विषय विशेष की जानकारी, ज्ञान, सुचना के आदान प्रदान का माध्यम है, एक ब्लॉग कुछ भी हो सकता है, अगर आप खाना बनाने में माहिर है और ये आपका शौक है तो आप रेसिपी पे ब्लॉग शुरू कर सकते है, योग, फैशन, धर्म  और जो भी आपका शौक हो आप उसी पर ब्लॉग लिख कर अतिरिक्त आमदनी का जरिया बना सकते है | आमतौर में लोग नेट पे शौपिंग, सोशल नेटवर्किंग और यू ट्यूब पे विडिओ देखते है, और इसके अलावा नेट सर्फिंग, लोग जानकारिया प्राप्त करने के लिए करते है, कोई अपनी बीमारी तो कोई अपनी पढाई, कोई होटल तो कोई नए फैशन ट्रेंड की जानकारी चाहता है, अगर आप इनमे से कोई भी जानकारी लोगो को दे सकते है तो आप ब्लॉगर बन सकते है | ब्लॉगिंग के लिए आपको किस चीज की जरुरत नहीं है – बहुत से लोग ये सोचते है की ब्लॉगिंग के लिए कोडिंग और कंप्यूटर प्रोग्रामिंग का ज्ञान होना जरुरी है, और अगर आपके पास वेबसाइट बनाने के ज्ञान नहीं है तो आपको एक वेबडेवलपर रखना पड़ेगा जो आपसे मोटी रकम लेगा और सालाना रखरखाव का चार्ज भी देना होगा, पर ये सही नहीं है, वेबसाइट बनाने के लिये आपको किसी भी तरह के प्रोग्रामिंग अथवा डेव्लोपिंग के ज्ञान की आवश्यकता नहीं है बल्कि अगर आप सामान्य कंप्यूटर चलाना जानते है, या ये कह लीजिये आपने विंडो भी चलाया है तो भी आप ब्लॉग बना सकते है, वर्डप्रेस और ब्लॉगर जैसे फ्री सॉफ्टवेर की बदोलत अब ब्लॉग बनाना अत्यंत ही आसन है, इसके लिए किसी प्रकार के प्रोग्रामिंग नॉलेज की जरुरत नहीं है |"



"ऑनलाइन ब्लॉग चालू करने के लिए जरूरी गगेट्स 

1. एक डेस्कटॉप कंप्यूटर अथवा 2. एक लैपटॉप और अगर आपके पास इन दोनों में से कोई भी न हो और इतना बजट न हो की आप इन दोनों में से किसी पे अपनी पूंजी इन्वेस्ट करे तो आपके लिए एक अच्छी खबर है अगर आपके पास एक एंड्राइड स्मार्ट फ़ोन भी है तो भी आप ब्लॉगिंग कर सकते है | ​3.​दूसरी चीज जो आपको ब्लॉगिंग के लिए शुरुवात में चाहिए वो है, इन्टरनेट कनेक्शन जैसा की मैंने पहले भी कहा अगर आपके पास वाई फाई कनेक्शन नहीं है तो भी ब्लॉग लिखने के लिए अधिक डाटा की जरुरत नहीं पड़ती है आप अपने लैपटॉप और कंप्यूटर को अपने मोबाइल से कनेक्ट करके भी आसानी से ब्लॉगिंग कर सकते है |"




ब्लॉगर पैसा कैसे कमाते है -

 ये तो हुई प्रारम्भिक जानकारी अब आगे ब्लॉगिंग के लिए और क्या चाहिए – एक कंप्यूटर अथवा लैपटॉप के बाद हमको ब्लॉगिंग के लिए चाहिए एक विषय का चुनाव, चूँकि लोग नेट पर जानकारियां हासिल करने आते है, और आप उनको कौन सी जानकारी देंगे और कौन सी जानकारी देने में आपको अधिक मुनाफा मिलेगा इस पर थोड़ी रिसर्च करने के बाद हम सही विषय का चुनाव करे तो वो आने वाले समय में बहुत लाभप्रद रहेगा | ब्लॉग का विषय आप तीन तरह से चुन सकते है – 

1.  एक विषय जिसमे आप इंटरेस्टेड है, अर्थात आपका शौक जो आपको पसंद है और जिसका गहरा नॉलेज आपके पास है, आप उस विषय पे ब्लॉग लिखे इससे फायदा ये होगा की एक तो आप को उस विषय पे लिखने में मजा आएगा और आप अधिक से अधिक जानकारिया अपने पाठको के साथ साझा करने में ख़ुशी का अनुभव करेंगे दूसरा लाभ ये होगा कि आप अपने मनपसंद विषय के बारे में पहले से बहुत कुछ जानते होंगे और उस विषय पे आपका अनुभव भी होगा तो आप अपने पाठको की समस्याओ का अच्छे तरीके से समाधान कर पाएंगे उदाहरण के तौर पर अगर आप योग करते है और ये आपका शौक है, आप इसको पसंद करते है तो योग पे ब्लॉग लिखना आपके लिए आसन होगा क्योकि एक तो आपके पास इसका पहले से अनुभव है और दूसरा आप को इस विषय पे बात करने के लिए उत्साहित रहते है | 

2. अपने ब्लॉग का विषय चुनने का दूसरा तरीका है – आप उस विषय पे ब्लॉग लिखे जिसपर लोग अधिक से अधिक जानकारिया प्राप्त करते है, उदाहरण के लिए अगर कोई घूमना पसंद करता है, और इस गर्मी की छुटियो में हिमालय के किस हिल स्टेशन पे घुमने जाना चाहता है तो वो नेट पे सर्च इंजन में सर्च करेगा – हिमालय के बेहतरीन हिल स्टेशन अथवा हिमालय के दर्शनीय स्थल | अगर आप उसको ये जानकारी देते है, तो आप उसको होटल और टूर बुकिंग वेब साइट्स पे रेफेर करके कमीशन कमा सकते है, लेकिन ये बहुत प्रतिस्पर्धी विषय है, इसमें सफलता पाने के लिए आपको बहुत अधिक परिश्रम करना पड सकता है | 

3. तीसरा तरीका है लोगो की समस्याए सुलझाना, अगर किसी को साँस की बीमारी है और आपको अल्टरनेट मेडिसिन जैसे प्राक्रतिक चिकित्सा, घरेलु नुस्खो की जानकारी है तो आप इन नुस्खो की जानकारी का ब्लॉग भी शुरू कर सकते है | आप जो भी विषय के चुनाव करे पहले ये जरुर जान ले कि उस विषय की मांग ऑनलाइन दुनिया में है या नहीं, विषय की मांग से अर्थ है की लोग उस विषय पे ऑनलाइन जानकारिया ढूँढ रहे है या नहीं और ये जानने का सबसे अच्छा तरीका है – गूगल कीवर्ड प्लानर – गूगल की वर्ड प्लानर गूगल का एक प्रोजेक्ट है जिसे गूगल ऑनलाइन ऐड कैम्पेन के लिए कोई भी उपयोग कर सकता है, इसमें एक टूल है जो ये बताता है की कोई शब्द अथवा शब्दों का समूह नेट यूजर द्वारा गूगल सर्च इंजिन में कितनी बार सर्च किया जाता है, उसकी लोकप्रियता कितनी है, अधिक सर्च का अर्थ है इस विषय में लोगो की दिलचस्पी है और इसमें विज्ञापन द्वारा पैसा कमाया जा सकता है, साथ ही ये टूल ये भी बताता है की उस विषय पे प्रतिस्पर्धा कितनी है और अगर उस विषय पे विज्ञापन दिखाए जाये तो हर क्लिक पे कितने रूपये विज्ञापन दाता दे सकते है | इस टूल का उपयोग कर हम आसानी से पता लगा सकते है की नेट यूजर उस विषय के लिए क्या शब्द सर्च इंजन में डालते है, इन अधिकाधिक बार सर्च किये जाने वाले शब्दों को की वर्ड कहा जाता है, उस की वर्ड के आसपास आपको अपनी जानकारी युक्त आर्टिकल लिखने है, साथ ही इस टूल से हमको पता लग जाता है की उस विषय पे लिखना फायदेमंद होगा या नहीं, इसके लिए सबसे पहले गूगल सर्च इंजन में सर्च करे गूगल की वर्ड प्लानर google key word planner फिर आपको की वर्ड प्लानर की साईट पे जाकर सबसे पहले अपने जीमेल अकाउंट से गूगल की वर्ड प्लानर में लोग इन करना है, उसके बाद आपको टूल्स का निशान जिसे हिंदी में नट कसने का पाना कहते है उसका आइकॉन दिखाई देगा इस पे क्लिक करे, फिर एक बॉक्स दिखाई देगा जिसमे लिखा होगा enter word, pharses or url, अब आप जिस भी विषय पे जानकारी लेना चाहते है उसको डालकर सर्च करना है, की वर्ड प्लानर आपको बता देगा की विषय जिसपर आप ब्लॉग बनाना चाहते है वो कितनी बार सर्च किया जाता है और उसपे विषय पे आपके यूजर अगर आपके ब्लॉग पे दिखाए जाने वाले विज्ञापन पे क्लिक करते है तो आपको कितने रूपये पर क्लिक मिल सकते है | यहाँ आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी एक बार फिर देना जरुर है वो है की वर्ड – की वर्ड वो शब्द और वाक्य है जिनको आमतौर पर लोग नेट पे जानकारी लेने के लिए सर्च करते है, और चूँकि अधिकतर पाठक हमको गूगल जैसे सर्च इंजन से ही मिलते है मिसाल के तौर पे कोई अगर अस्थमा के विषय में जानकारी चाहता है तो वो नेट पे सर्च करेगा – what is asthma, home remedy for asthma, और अगर वो हिंदी में सर्च रिजल्ट चाहता है तो वो सर्च करेंगा what is asthma in hindi | अब ट्रिक ये है की अगर आप चाहते है की आपका ब्लॉग अधिक से अधिक लोग पढ़े और आपकी वेबसाइट पे सर्च इंजन से ट्रैफिक मिले तो आपको अपने ब्लॉग के आर्टिकल इन कीवर्ड को ध्यान में रख कर लिखने होंगे | कीवर्ड प्लानर से अपने विषय की लोकप्रियता की जानकारी लेने के बाद आपको सही विषय का चुनाव करना है, आप ऊपर बताये किसी भी तरीके से विषय का चुनाव कर सकते है, अगर आप ब्लॉग शौक के लिए बना रहे है तो उस विषय पे लिखे जिसमे आपकी दिलचस्पी है और अगर पैसे के लिए तो उस विषय पे लिखे जिसकी जानकारी लोग अधिक से अधिक लेना चाहते हो और अगर दोनों का मिक्सचर हो तो सोने पे सुहागा |"



"एक बार अपने ब्लॉग के विषय का चुनाव करने के बाद आपको अब थोडा टेक्निकल होने की जरुरत है, टेक्निकल का अर्थ ये नहीं की आपको प्रोग्रामिंग सीखनी पड़ेगी बल्कि ब्लॉगिंग करना और इसके सॉफ्टवेर को ऑपरेट करना वर्डपैड जितना ही आसान है, इसमें आपको प्रोग्रामिंग की नहीं बल्कि ब्लॉगिंग के सॉफ्टवेयर को चलने की थोड़ी सी प्रैक्टिस करनी है, इसके बाद आप इसे आसानी से ऑपरेट कर पाएंगे इस स्टेप में जो हम ब्लॉग के प्लेटफार्म का चुनाव करते है | आपके ब्लॉग के प्लेटफार्म का चुनाव – आप दो तरह से ब्लॉग बना सकते है एक तो बिना एक भी रूपया खर्च किये और दूसरा साल के कुछ पांच हजार से कम के निवेश में आप अपना ब्लॉग तैयार कर सकते है, बाजार में मोजूद ढेर सारे आप्शन में से मैं दो सबसे अधिक फायदेमंद आप्शन पे बात करूँगा जिनमे से एक आप्शन पे आपको कुछ रूपये खर्च करने पड़ेंगे बाकि दो आप्शन पे आपको एक भी रूपया खर्च करने की जरुरत नहीं है, दोनों आप्शन के कुछ फायदे और नुकसान है, चलिए दोनों आप्शन को गहराई से समझते है – सबसे पहले बात करते है फ्री आप्शन की और फ्री आप्शन में मेरा पसंदीदा प्लेटफार्म है blogger.com जो की गूगल का खुद का फ्री ब्लॉग मेकिंग प्लेटफार्म है जिसपर जा कर कोई भी अपनी जीमेल आई डी से लॉग इन करके आसानी से ब्लॉग बना सकता है, आइये ब्लॉगर पे ब्लॉग बनाने की प्रारम्भिक जानकारी आपको देते है – 

1.     blogger.com पे जा कर अपनी जी मेल आई डी से लोग इन करे, अगर नहीं है तो पहले जीमेल पे अपनी ईमेल आई डी बनाये | 2. लोग इन के बाद आप के सामने आपका कण्ट्रोल पेनल आएगा | 

3. 4.       इसके बाद कण्ट्रोल पैनल के बाई तरफ आपको कई प्रकार के टूल्स मिलेंगे जिसमे सबसे पहला होगा creat a new blog | 

5.       इस पर क्लिक करने के बाद आपके सामने एक विंडो ओपन होगी जिसपे आपको अपने ब्लॉग अथवा वेबसाइट का टाइटल और डोमेन नाम का चुनाव करना है | डोमेन नाम आपकी साईट का एड्रेस होता है जिसको ब्राउज़र में टाइप करके लोग आपके ब्लॉग पे आसानी से पहुच सकते है, facebook.com, yahoo.com, or gmail.com डोमेन नाम है | 

6. 7.       आपको सबसे पहले अपनी साईट का टाइटल डालना है, आप साईट का टाइटल अपने डोमेन नाम को ही रखे तो अच्छा होगा इससे सुविधा ये होगी की आपको ब्लॉग के हैडर में अलग से ब्लॉग का लोगो अथवा नाम अलग से डालने की जरुरत नहीं होगी | 

8.       उसके बाद जिस विषय पे आप ब्लॉग बना रहे है, उस विषय से सम्बंधित की वर्ड पे डोमेन सर्च करना है, हो सकता है आप जो नाम चाहते हो वो नहीं मिले फिर भी आपको बार बार बदल बदल के डोमेन नाम सर्च करना है जब तक आपका पसंदीदा डोमेन नाम नहीं मिल जाता, सब्जेक्ट से रिलेटेड डोमेन नाम रखने से सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में सुविधा होती है जो हम बाद में समझेंगे आप बस इतना ध्यान रखे की अगर आप कुकिंग पे वेब साईट बना रहे है तो प्रयास करे की आपके डोमेन में cooking शब्द आ जाये | जब आपको अपना पसंद का डोमेन मिल जाये तो create blog पे क्लिक करे | 

9.       अब आप अपने ब्लॉग के डेश बोर्ड में आ गये है सबसे पहले page के आप्शन पे क्लिक करे, और new pages पे क्लिक करे और home page, about us page, contect us पेज बनाये | 

10.    अगर आपको अपने चयन किये विषय पे ब्लॉग लिखना है तो बाये तरफ ऊपर बटन new post पे क्लिक करे | 11.     अब आपके सामने पोस्ट एडिटर आएगा इसको ध्यान से देखे आपको कई तरह के आइकॉन दिखाई देंगे | 12.    पहले f के आइकॉन से आप कई तरह के फॉण्ट सेलेक्ट कर सकते है | 

13.    दुसरे T के आइकॉन से आप फॉण्ट साइज़ छोटी या बड़ी कर सकते है | 

14.    हैडिंग सब हैडिंग आदि कई तरह के आप्शन से आप अपने अक्षरों की साइज़ कम या ज्यादा कर सकते है, सर्च इंजन हैडिंग के टाइटल को क्राउल करके आपकी वेबसाइट पे उपलब्ध कंटेंट का विषय पता करते है, इसलिए अपने पोस्ट के टाइटल को इन हैडिंग में लिखे | 

15.    उसके बाद एक एक करके सभी आइकॉन को समझने का प्रयास करिए इनमे आपके अक्षरों को बोल्ड इटैलिक अथवा अंडरलाइन के बाद फॉण्ट के कलर का भी आप्शन है फिर लिंक अर्थात एक पेज को दुसरे पेज से जोड़ने का आप्शन है | 

16.    एक पेज को दुसरे पेज पे जोड़ने के लिए आपको किसी भी शब्द को माउस के कर्सर से सेलेक्ट करके लिंक का बटन दबाना है, बटन दबाने के बाद आपके सामने एक विंडो ओपन होगा, उस पे आप उस शब्द को जिस भी पेज से जोड़ना चाहते है उसका यूआरएल डालना होगा, अगर आप यूआरएल नहीं जानते तो पहले उस पेज को जिसे आप लिंक शब्दों के साथ जोड़ना चाहते है ब्राउज़र में खोले फिर उसकी यूआरएल को ब्राउज़र के एड्रेस बार से कॉपी करे और ब्लॉगर के लिंक विंडो में पेस्ट कर दे | 

17.    लिंक के बाद इमेज के आप्शन पे क्लिक करे और इमेज अपलोड करना सीखे | 

18.    आप विडियो भी इन्सर्ट कर सकते है, इसके अलावा आप अपने टेक्स्ट को लेफ्ट राईट अथवा सेंटर अथवा जस्टिफाई अलायन कर सकते है | 

19.    जब आप अपने पोस्ट की टाइपिंग पूरी कर ले तो राईट हैण्ड साईट पे मौजूद आप्शन में से पर्मालिंक आप्शन पे क्लिक करे और जो भी की वर्ड आपकी पोस्ट से रिलेटेड हो उसपे डाल के अपनी पोस्ट का कस्टम पेर्मलिंक बनाये, ये सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में लाभकारी रहता है | 

20.   निचे रीडर कमेंट को अल्लो और दिसल्लो करे, अगर आप चाहते है की आपके पाठक आपकी पोस्ट पढने के बाद कमेंट करे तो आप इस को अल्लो कर सकते है, ध्यान रहे अपने ब्लॉग के डेश बोर्ड के बाई तरफ सेटिंग में जा कर पोस्ट कमेंट और शेयरिंग पे क्लिक करे कमेंट में registered user को चेक करे, इससे ये होगा की अगर कोई भी यूजर आपके ब्लॉग पे पोस्ट करना चाहे तो उसे पहले रजिस्टर करना पड़ेगा, ब्लॉगर के सामने कई बार स्पैम मेसेजेस की दिक्कत का सामना पड़ता है, जब कोई स्पैम मेसेज से आपकी साईट को कमेंट में अनचाहे विज्ञापनों से भर सकता है, इसको रोकने के लिए केवल रजिस्टर्ड यूजर को ही कमेंट की सुविधा देनी चाहिए | 

21.    डेश बोर्ड में मोजूद कई सारे अन्य आप्शन की जानकारी ले | 

22.   अपने माउस के कर्सर को पेज पे क्लिक करे और अपनी पोस्ट की टाइपिंग करे | 

23.   जब पोस्ट कम्पलीट हो जाये तो राईट हैण्ड साइड पे पब्लिश बटन पे क्लिक करे | 

24.   लेफ्ट हैण्ड साईट पे अन्य आप्शन मोजूद है जहा से आप अपनी वेबसाइट की थीम बदल सकते है, अर्निग और विजिटर स्टेटस पता कर सकते है, और सेटिंग में जा कर कई तरह की ब्लॉग सेटिंग कर सकते है, साथ ही कई प्रकार के विजेट का उपयोग करके अपनी पोस्ट को और आकर्षक बना सकते है | बधाई हो आपका ब्लॉग रेडी और दुनिया के लिए अवलेबल है | आप ब्लॉगर बन गए |"


"आपको कुछ और काम करने है, पहले अपने ब्लॉग को गूगल ऐड सेंस से जोड़ना है, दूसरा अपने ब्लॉग को गूगल कंसोल को सबमिट करना है, आइये जानते है ये क्या है गूगल ऐड सेंस गूगल की एक तरह की ऐड सर्विस है जिसके ऐड आप अपने ब्लॉग पे शो करके पैसा कमा सकते है, जब भी कोई आपके ब्लॉग पे गूगल के ऐड को क्लिक करके ऐड देने वाले की साईट पे जायेगा आपके अकाउंट में पैसा ट्रान्सफर हो जायेगा | गूगल सर्च कंसोल है जो की सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के लिए जरुरी है इसमें आपको गूगल को आपकी साईट की डायरेक्टरी भेजनी होती है, जिससे इस सर्च इंजन को आपकी साईट सर्च में सुविधा रहती है, ब्लॉगर चुकी गूगल का ही उपक्रम है इसलिए ये दोनों काम ब्लॉगर पे वेबसाइट बना कर आसानी से किये जा सकते है | गूगल कंसोल पे अपनी वेबसाइट रजिस्टर करने के लिए अपने डेशबोर्ड के लेफ्ट हेंड में सेटिंग में जाये और यहाँ search preference पे क्लिक करे, फिर गूगल सर्च कंसोल के आगे edit पे क्लिक करे अब आप गूगल सर्च कंसोल की वेबसाइट पे पहुच जायेंगे, यहाँ पे अपनी वेबसाइट दिखाई देगी, अगर नहीं हो तो add new property पे क्लिक करे, अगर आपकी वेबसाइट दिखाई दे रही है तो manage property पे क्लिक करे और verify this property पे क्लिक करे, यहाँ से आप सर्च कंसोल की एक न्यू विंडो पे पहुच जायेंगे यहाँ आपको meta tags एक बॉक्स में दिखाई देंगे, जिसमे लिखा होगा type the meta tags and paste into your sites home page आपको इस मेटा टेग्स को कॉपी करना है | मेटा टैग्स को कॉपी करने के बाद आपको recommended method के पास में लिखे शब्द alternate method पे क्लिक करना है यहाँ आपको चार आप्शन मिलेंगे इसमें HTML Tags पे क्लिक करे और अपने ब्लॉगर डेश्बोर्ड में जाकर theme पे क्लिक करे | अब आपके सामने एक विंडो खुलेगा जिसमे आपकी साईट की वर्तमान थीम दिखाई देगी इसके निचे आपको एक आप्शन मिलेगा edit html इस आप्शन को क्लिक करके आप html editor में पहुच जायेंगे, यहाँ से आपको <head> कोड तीसरी लाइन में मिलेगा | इस हेड कोड के बाद कंसोल वेबसाइट से कॉपी किये गये रेकमेंडेड मेथड के कोड को डाले और सेव कर दे | अगर आपने सब सही किया है तो आपको ग्रीन राईट के निशान के साथ कान्ग्रेचूलेशन का मेसेज मिलेगा  ब्लॉगर पे ब्लॉग बनाने के फायदे और नुकसान फायदे – कोई कास्ट नहीं, बिलकुल फ्री है | आसानी से ब्लॉग बनाया जा सकता है, डोमेन स्पेस खरीदने की जरुरत नहीं | वेब पर सारी हेल्पफुल जानकारिया उपलब्ध है | गूगल का प्रोजेक्ट होने की वजह से सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन में आसानी हो सकती है | नुकसान – जब तक आप अपना डोमेन नहीं खरीद लेते तब तक आपके डोमेन से साथ blogspot.com जुडा हुआ आता है | आपकी वेबसाइट पर आपका कोई अधिकार नहीं रहता क्योकि कुछ लोग कहते है की गूगल इस प्रोजेक्ट को कभी भी बंद कर सकता है, और अगर आप अपनी वेब साईट को किसी और प्लेटफार्म पे ले जायेंगे तो आप सर्च रैंकिंग खो सकते है | इन सबके बावजूद अगर आप ब्लॉगर पे अपना कस्टम डोमेन खरीद ले और ब्लॉगिंग शुरू करे तो ये अधिक आसन और जल्दी होने वाला काम है, आप अपना ब्लॉग कुछ ही सेकंड में बना सकते है, इसलिए में ब्लॉगर पे ब्लॉग बनाने को अधिक अच्छा मानता हूँ | 


अब आते है दुसरे आप्शन पे जो है वर्डप्रेस – वर्ड प्रेस एक ओपन सोर्से प्लेटफार्म है जहा आप अपनी वेबसाइट बना सकते है, बिना कुछ पैसे खर्च किये जी हाँ, ओपन सौर्स का अर्थ होता है जब किसी सॉफ्टवेर को बनाने के लिए कई सारे प्रोग्रामर फ्री में अपना योगदान देते है, और मिलकर प्रोग्रामिंग कर के उस सॉफ्टवेर को आम यूजर के लिए फ्री में मुहेया करवाते है, वर्ड प्रेस भी ऐसा ही एक फ्री सॉफ्टवेयर है जिस पर आप अपनी वेबसाइट बना सकते है, पर वर्डप्रेस पे वेबसाइट बनाने के लिए आपको प्रारम्भ में दो चीजो की जरुरत पड़ेगी या यु कहिये आपको कुछ चीजो पे पैसा खर्च करना पड़ेगा, अर्थात ये पूरी तरह से फ्री नहीं है | वर्डप्रेस पे आप किसी भी तरह की वेबसाइट बना सकते है जिनमे एक सामान्य ब्लॉग से लगाकर शौपिंग के लिए सभी सुविधा युक्त प्लेटफार्म, मेम्बरशिप साईट, सोशल मीडिया, एफिलिएट मार्केटिंग के लिए वेब पोर्टल सभी कुछ वर्डप्रेस पे बिना किसी कोडिंग नॉलेज के किया जा सकता है, आज दुनिया की लगभग 25 प्रतिशत वेबसाईट वर्डप्रेस पे बनी हुए है, और अगर आप भी एक आकर्षक वेबसाइट बनाना चाहते है तो वर्डप्रेस आपके लिए उपयुक्त रहेगा वर्डप्रेस पे वेबसाइट बनाने के लिए आपको सबसे पहले दो चीजो की जरुरत पड़ेगी 1. एक डोमेन नाम 2. वेब होस्टिंग जैसा की मैंने आपको पहले भी बताया है डोमेन नाम आपकी वेबसाइट का वो नाम है जिसको ब्राउज़र में टाइप करके लोग आपकी वेब साईट तक पहुच सकते है, डोमेन नाम सेलेक्ट करने की कुछ टिप्स पहले आपको बताता हूँ, अगर हो सके तो इस तरीके का ही डोमेन नाम आप सेलेक्ट करे : डोमेन नाम छोटा और तुरंत याद हो जाये ऐसा होना चाहिए | डोमेन नाम में आपके विषय से सम्बंधित की वर्ड हो तो बेहतर होगा | अगर आप हिंदी में वेबसाइट बना रहे है तो डोमेन नाम को .in में भी ले सकते है | डोमेन में नम्बर और हायफ़न नहीं होना चाहिए | आप डोमेन सर्च करने के लिए वेब पर उपलब्ध विभिन्न डोमेन सिलेक्शन में हेल्प करने वाली वेबसाइट पे जाकर उनके टूल्स पे सर्च कर सकते है अगर आप अपनी वेबसाइट का कंटेंट इंग्लिश में लिखना चाहते है तो .com डोमेन का सिलेक्शन ठीक रहेगा | डोमेन आपके ऑनलाइन बिज़नस का ब्रांड होता है, इसी से लोग आपके बिज़नस को पहचानते है, इसलिए डोमेन में अगर कुछ क्रिएटिविटी हो तो अच्छा रहेगा, गूगल, याहू, अथवा कुएरा ये पोपुलर वेबसाइट है पर इनके नाम यूनिक है अतः अपने ब्रांड को बनाने के लिए डोमेन सिलेक्शन सावधानी से करना चाहिए | भारत में डोमेन रजिस्ट्रेशन के लिए कई सारी कम्पनीज मोजूद है पर इनमे प्रमुख है - Bigrock.in Godaddy.in Hostgator.in"



"डोमेन के बाद वेबहोस्टिंग का नम्बर आता है – जानिए वेब होस्टिंग क्या है ? हमारी वेबसाइट की सभी फाइल जिनमे हमारी पोस्ट भी शामिल होती है वो एक कंप्यूटर में सेव होती है, जिस कंप्यूटर में ये सेव होती है वो सामान्य कंप्यूटर से कही अधिक पावरफुल होता है जिसे सर्वर कहा जाता है, जब भी कोई विजिटर हमारी पोस्ट को पढना चाहता है तो वो या तो ब्राउज़र पे हमारे वेब पेज अथवा वेब पोस्ट का यूआरएल डालता है जैसे अगर हम yahoo.com पे जाना चाहते है तो हम अपने वेब ब्राउज़र में ये एड्रेस डालेंगे, जब हम ये एड्रेस ब्राउज़र में डालते है तो एक रिक्वेस्ट वेब सर्वर पे पहुचती है जहा सेव किया हुआ वो पेज ब्राउज़र में खुल कर हमारे सामने स्क्रीन पे आ जाता है, बड़ी बड़ी कम्पनीयो के अपने खुद के पेर्सोनल सर्वर होते है, परन्तु कई माध्यम से छोटे वेब मास्टर अपनी वेबसाइट को इन वेब होस्टिंग प्रोवाइडर कम्पनीज के सर्वर में रखते है, जो कंपनी इन सर्वर को ऑपरेट करती है वो कुछ चार्ज वसूल करती है और बदले में अपने सर्वर पे एक निश्चित जगह और आवश्यक टेक्नोलॉजी उपलब्ध करवाती है, इस पूरी प्रक्रिया को वेब होस्टिंग कहते है, ये एक प्रकार से हमारी वेबसाइट की सारी फाइले किराये पे रखने की जगह होती है | वेब होस्टिंग कम्पनीज के लिए हर प्रकार की वेबसाईट के लिए निश्चत प्लान होता है जिसमे वो साल भर के कुछ तीन हजार से पांच हजार तक फीस लेती है | हर प्लान के साथ वेब सर्वर में जगह और बेंडविथ अलग अलग होती है, अब जानते है बैंडविथ क्या होती है | सिंपल भाषा में बैंडविड्थ वो डाटा होता है जो आपकी वेबसाइट को सर्वर से वेब ब्राउज़र तक ट्रांसफर करने में खर्च होता है, जितनी अधिक बेंडविथ का प्लान आप अपने होस्टिंग प्रोवाइडर से लेंगे उतनी ही जल्दी आपकी वेबसाइट यूजर के ब्राउज़र पे खुल जायेगी | अगर किसी दिन आपकी वेबसाइट पे बहुत अधिक यूजर आ गये और बन्द्विथ कम पड गयी तो आपकी साईट क्रेश होने का खतरा रहता है, इसलिए वेब होस्टिंग प्लान चूस करते समय बेंडविथ का विशेष ध्यान रखना चाहिए | वेब होस्टिंग दो प्रकार की होती है – एक शेयर्ड वेब होस्टिंग दूसरी डेडिकेटेड होस्टिंग शेयर्ड वेब होस्टिंग में एक ही सर्वर पे कई सारी वेबसाईट होस्ट की जाती है, चुकी इस तरह की होस्टिंग में सर्वर का खर्चा आपस में बंट जाता है इसलिए ये एक छोटी वेबसाइट और ब्लॉगर के बिच सबसे पोपुलर आप्शन है, अगर आप अपना वर्डप्रेस ब्लॉग स्टार्ट कर रहे है तो किसी भी वेबहोस्टिंग प्रोवाइडर से शेयर्ड वेब होस्टिंग प्लान खरीद सकते है | दूसरी होती है डेडिकेटेड वेब सर्वर इसमें एक पूरा सर्वर किसी कंपनी अथवा बड़ी वेबसाइट के लिए मुहेया करवाया जाता है, अभी आपको इसकी जरुरत नहीं है, इसलिए आपको शेयर्ड होस्टिंग प्लान सर्च करना चाहिए | अब होस्टिंग के दो और प्रकार होते है जो अक्सर पहली बार होस्टिंग प्लान चूस कर रहे ब्लॉगर के सामने आते है पहला विंडो होस्टिंग और दूसरा लिनक्स होस्टिंग | वेब होस्टिंग प्लान चूस करते समय हमे ये ध्यान रखना चाहिए की वर्डप्रेस की वेबसाईट विंडो पे नहीं बन सकती इसलिए बिना किस संशय में पड़े लिनक्स होस्टिंग ही सेलेक्ट करना चाहिए | क्योकि लिनक्स होस्टिंग लगभग सभी ब्लॉगर को सूट करती है | एक सही वेब होस्टिंग प्लान चूस करने के लिए आपको निम्न बातो का ध्यान रखना चाहिये – वेबस्पेस – लगभग सभी वेब होस्टिंग प्रोवाइडर चार प्रकार के प्लान रखते है, जिनमे से आपको अपनी सुविधा और आवश्यकता के अनुसार प्लान चूस करना होता है, एक नया ब्लॉग शुरू करने के लिए आपको सर्वर पे कितनी स्पेस किराये पे लेनी चाहिए इसका अनुमान आप इस बात से लगा सकते है की एक १०० पेज की वेबसाइट के टेक्स्ट मुश्किल से १ जीबी से भी कम जगह घेरते है, फिर किसी भी ब्लॉग पोस्ट में फोटो और विडियो होते है एक जेपीईजी फोटो लगभग १०० केबी से भी कम होता है इस हिसाब से अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए सबसे छोटा बेबी प्लान भी लेते है जिसके साथ ३० जीबी तक वेब स्पेस मिलती है तो वो आपका ब्लॉग शुरू करने के लिए प्रारम्भ में काफी है | कोई भी वेब होस्टिंग प्रोवाइडर बेबी प्लान जो की सबसे छोटा होता है उसकी वेब होस्टिंग के १०० रूपये महीने से भी कम चार्ज करती है, अगर आप अपनी वेबसाइट में बहुत सारी पिक्चर और मल्टीमीडिया का युस करना चाहते है तो आपको २०० एमबी अथवा अनलिमिटेड वेबहोस्टिंग के प्लान का चुनाव करना चाहिए | बेन्द्विदथ – जैसा की हम पहले भी डिस्कस कर चुके है बैंडविड्थ डाटा ट्रांसफर के लिए होता है, प्रारम्भ में जब आपकी साईट पे अधिक ट्रैफिक नहीं हो तो आप कम बेन्द्विद्थ के प्लान का चुनाव कर सकते है पर अगर आपके यूजर बढ़ गये तो आपको अपने प्लान को अनलिमिटेड बेंडविड्थ पे अपग्रेड करवा लेना चाहिए | ईमेल – फिर से अनलिमिटेड ईमेल विथ वेबहोस्टिंग आपकी अपने यूजर के ईमेल कलेक्ट करने में सुविधा जनक रहेगी | अनलिमिटेड डोमेन – अगर आप अलग अलग विषय पे अलग अलग ब्लॉग बनाना चाहते है तो पहले से ही वेब होस्टिंग प्रोवाइडर द्वार अनलिमिटेड डोमेन का चुनाव करे इससे आप एक ही होस्टिंग प्लान में कई सारी वेबसाइट बना सकते है | एस एस एल सर्टिफिकेट – एस एस एल सर्टिफिकेट अगर आप अपने होस्टिंग प्लान के साथ लेते है तो इससे आपकी सर्च रैंकिंग में मदद मिलती है, एस एस एल सर्टिफिकेट आपकी वेबसाइट पे होने वाले मनी ट्रान्सफर को सिक्यूरिटी प्रदान करता है जो की आम तोर पर शौपिंग और ऐसी वेबसाइट के लिए फायदेमंद होता है जहां वेबसाइट पे पैसे का हस्तांतरण होता है, अगर आप किसी वेब साईट पर अपने क्रेडिट कार्ड की डिटेल डालने जा रहे है तो देख लीजिये उस वेबसाइट के डोमेन नाम के साथ http लिखा है या नहीं अगर है तो ही क्रेडिट कार्ड अथवा ऑनलाइन पैसा हस्तांतरण करे, एक ब्लॉगर को प्रारम्भ में एस एस एल सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं होती है, इसलिए अगर आप अपनी वेब साईट में किसी भी रूप में पैसे का हस्तांतरण नहीं कर रहे है तो शुरुआत में आपको एस एस एल सर्टिफिकेट की जरुरत नहीं पड़ेगी | सर्वर की लोकेशन – कुछ एस एओ एक्सपर्ट मानते है की सर्वर की लोकेशन भी ब्लॉग की ब्राउज़िंग की स्पीड को कम या ज्यादा करने में भूमिका निभाती है, अगर आपका यूजर इंडिया में है और सर्वर अमेरिका में तो हो सकता है वेब पेज को यूजर के ब्राउज़र में लोड होने में एक या इससे अधिक सेकंड का समय लगे, सर्च इंजन अपनी रेंकिंग में पेज लोडिंग की स्पीड को महत्व देते है ऐसा सर्च इंजन एक्सपर्ट मानते है, इसलिए वेब होस्टिंग प्लान चुनने से पहले सर्वर की लोकेशन पहले पता कर ले इंडिया में वेब होस्टिंग प्रोविड करने वाली कुछ नामी कम्पनीयो के सर्वर इंडिया में ही है | सर्वर अपटाइम – सर्वर अपटाइम अर्थात सर्वर कितने समय तक अपना काम सही करता रहेगा और डाउन नहीं होगा इसकी गारंटी भी लगभग सभी कम्पनीज लेती है, लगभग सभी कम्पनीज अपने सर्वर की अपटाइम 99 प्रतिशत बताती है, अर्थात जब भी कोई आपकी वेबसाइट पे पहुचने का प्रयास करेगा उसको सर्वर डाउन नहीं मिलेगा और आपकी वेबसाइट विजिट करने में यूजर को कोई दिक्कत नहीं होगी, इस बारे में कंपनी की सेल्स टीम से तस्दीक कर लेवे | लगभग सभी वेबहोस्टिंग प्रोवाइडर अपने यूजर को वर्डप्रेस में वेबसाइट बनाने की सुविधा देते है, वेब होस्टिंग प्रोवाइडर चुनने से पहले देख ले की उसके सी पैनल में वर्डप्रेस वेबसाइट बनाने का आप्शन है या नहीं, कुछ होस्टिंग प्रोवाइडर डेडिकेटेड वर्डप्रेस होस्टिंग भी प्रोवाइडर करते है जो की हर तरीके से बहुत अच्छा है अगर आप इस आप्शन को चुनते है तो आपको प्रोवाइडर से वर्डप्रेस में वेबसाइट बनाने में सपोर्ट टीम भी मिलेगी जिनकी मदद से पहली बार वर्डप्रेस इनस्टॉल करने और वेबसाइट बनाने में आपको सहायता मिलेगी | कस्टमर सपोर्ट – जब हमको प्रोग्रामिंग का कोई नॉलेज नहीं हो तो वेब होस्टिंग कंपनी का सपोर्ट बहुत जरुरी होता है, जब भी हम कोई ब्लॉग बनाते है तो हो सकता है हमारे सामने कुछ परेशानिया आ जाये और इन ट्रबल को  होस्टिंग कम्पनी की तकनीशियन की टीम दूर करती है, इसलिए जब वेब होस्टिंग चुनाव के पहले देख ले की अन्य ग्राहक उसकी सर्विस से संतुष्ट है या नहीं, और जरुरत पड़ने पे उसके तकनीशियन हमको उपलब्ध हो पाएंगे या नहीं | अभी हमने डोमेन नाम रजिस्ट्रेशन और वेब होस्टिंग प्लान और कंपनी का चुनाव करने से पहले ध्यान रखने लायक सभी बाते समझी अब हम वर्डप्रेस को इनस्टॉल करने और उसपर ब्लॉग बनाना सीखेंगे | वर्डप्रेस इंस्टालेशन जब आप अपने वेब होस्ट का चुनाव सावधानी से कर ले और अपने चुने हुए प्लान के अनुसार निर्धारित राशी का का भुगतान कंपनी के अकाउंट में कर दे तो आपके पास कंपनी से एक ई मेल आएगा जिसमे आपके सी पैनल का लॉग इन और पासवर्ड, मिलता है | वेब होस्टिंग प्रोवाइडर की साईट पे जा कर आपको अपनी आई डी और पासवर्ड डालना है और उसके बाद सी पैनल में जाना है | सी पैनल में लॉग इन के बाद आपको बहुत सारे वेबसाइट बनाने के सॉफ्टवेर के आइकॉन दिखेंगे उनमे से आपको वर्डप्रेस का डब्लू का आइकॉन ढूँढना है | उस आइकॉन पे क्लिक करके वर्डप्रेस के इंस्टालेशन पेज पे जाकर इनस्टॉल के बटन पे क्लिक करे | वहा पहले आपको उस डोमेन नाम को डालना है जिसे आपने अपने ब्लॉग को बनाने के लिए ख़रीदा है | यूजरनाम और पासवर्ड को बदले और यूजर नाम में एडमिन की जगह दूसरा यूजरनाम और एक स्ट्रोंग पासवर्ड डाले | सारी जानकारी डालने के बाद इनस्टॉल बटन पे क्लिक करे | बधाई हो, आपका वर्डप्रेस ब्लॉग रेडी है, आपकी पोस्ट के इंतजार में |"



"अब हम वर्डप्रेस पे ब्लॉग बनाना सीखेंगे – वर्डप्रेस एक कंटेंट अर्थात आपके आर्टिकल्स को पोस्ट करने और मैनेज करने का सिस्टम है, पर आप वर्डप्रेस में किसी भी तरह की वेबसाइट बना सकते है | सी पैनल से इंस्टालेशन के बाद आप अपनी वेबसाइट के बेकएंड डेशबोर्ड पे आ गये है यहाँ से आप अपनी वेबसाइट और पोस्ट को मैनेज करते है | थीम वर्डप्रेस में कंटेंट मेनेजमेंट के लिए कई सारी टेम्पलेट अर्थात डिजाईन जिनको थीम कहा जाता है पहले से बनी हुई रहती है, कुछ फ्री और कुछ आप कुछ डालर सालाना के भुगतान पर अपने ब्लॉग पे उपयोग कर सकते है | अगर आप एक सिंपल और साफ सुथरा ब्लॉग बनाना चाहते है तो आप वर्ड प्रेस की ऑफिसियल थीम का चयन कर सकते है जो की वर्डप्रेस इंस्टालेशन के साथ फ्री में मिलती है | अगर आप अपने ब्लॉग में कुछ अलग डिजाईन अथवा कोई विशेष फंक्शन चाहते है तो आपको पेड आप्शन में से चुनाव करना होगा | आपको अपने डेशबोर्ड के बाये तरफ एक मेनू दिखाई देगा जिसमे पहला आप्शन पोस्ट का है, इस पे क्लिक करके आप अपनी वेबसाइट पे अब तक की गई पोस्ट देख सकते है | अगर आप नई पोस्ट डालना चाहते है तो ऐड न्यू पे क्लि करे | अब आप अपने पोस्ट एडिटर में आ गये है, जैसा हमने ब्लॉगर में सिखा था ये एडिटर भी कुछ कुछ उसी तरह का है जहाँ पोस्ट में इमेज एडिट करना, लैटर बोल्ड और इटैलिक करना, लिंक जोड़ना, और भी कई आप्शन मौजूद है एक एक करके उनको देखे और समझने का प्रयास करे | जब भी आप कोई पोस्ट डाले तो अपडेट और सेव बटन पे क्लिक करना न भूले अन्यथा आपने जो भी लिखा है वो सेव नहीं रह पायेगा | जब भी आप पोस्ट डालते है वो पहले पेज पे शो होती है, लेकिन आपकी थीम की सेटिंग के अनुसार पोस्ट और होम पेज अलग अलग भी हो सकता है | अगर आप अपने होम पेज को ही अपनी पोस्ट का पेज बनाना चाहते है तो आपको सेटिंग में जाकर मेक योर होम पेज पोस्ट पेज के आप्शन पे क्लिक करना होगा | दूसरा महत्वपूर्ण आप्शन है पेज | हर वेब साईट में कुछ पेज होते है जिनमे होम पेज, ब्लॉग पेज, कांटेक्ट अस पेज और अबाउट उस पेज होते है, आप पेज पे आप्शन पे जाकर इन पेजेज को बनाये और उनके नाम जरुरत के हिसाब से रखे अपडेट और सेव करना न भूले | तीसरा आप्शन है अपिरेंस यहाँ पे आप थीम के आप्शन पे क्लिक करके अपनी थीम चेंज कर सकते है, वर्डप्रेस की थीम लाइब्रेरी में बहुत सी फ्री और पेड थीम मिल जाएगी आपको थीम पे क्लिक करके ऐड न्यू पे क्लिक करना है, और अपने पसंद की थीम का चुनाव करना है | चौथी महत्वपूर्ण आप्शन है प्लगिन – चुकी वर्ड प्रेस एक ओपन सोर्स ब्लॉग का सॉफ्टवेर है, इसमें केवल पोस्ट और पेजेज की ही सुविधा होती है, अन्य जरुरतो के लिए हमको प्लगइन इनस्टॉल करने पड़ते है जिनमे स्पैम प्रोटेक्शन के लिए अकिस्मेट फ्री प्लगइन, जेट पैक और एस ई ओ के लिए योस्ट प्लगइन हर वेबसाइट में इनस्टॉल करने जरुरी है, सिक्यूरिटी और साईट की फाइल के बैकअप के लिए भी यहाँ फ्री और पेड प्लगइन इनस्टॉल कर सकते है | इसके बाद सेटिंग का नम्बर आता है आप बाई तरफ मेनू में सेटिंग में जाकर जनरल सेटिंग, राइटिंग, रीडिंग, डिस्कस, मीडिया, पेर्मलिंक आदि में सेटिंग करे, सभी आसन है, अगर आप अपनी साईट पे यूजर के कमेंट चाहते है तो कमेंट आप्शन को चेक करे, इसी तरह की सामान्य जानकारिया अपनी आवश्यकता के अनुसार भरे, और अपने ब्लॉग की शुरुआत करे | ब्लॉग पेज में इमेज युस करते समय ध्यान रखे की नेट पे उपलब्ध कोई भी इमेज वेबसाइट पे न डाले और कॉपी राइट हो सकती है अगर आप इमेजेज चाहते है तो गूगल पे रॉयल्टी फ्री इमेज सर्च करे और ऐसी इमेजेस फ्री में मुहेया करवाने वाली साईट से डाउनलोड करे जो क्रिएटिव कॉमन के अंतर्गत लायसेंस हो | और अंत में आपकी साईट का लुक और परफॉरमेंस थीम द्वारा दिए गये आप्शन पे निर्भेर करता है, अगर आपकी थीम में वेबसाइट के फ्रंट पेज पे हैडर की जगह आपका पेर्सोनेल लोगो डालने का आप्शन है तो ही आप ऐसा कर सकते है | अगर आप अपनी साईट को थोड़ी आकर्षक बनाना चाहते है तो आपको एक प्लगइन का उपयोग कना चाहिए जिसके उपयोग से आप किसी भी थीम में अपनी साईट को अधिक आकर्षक बना सकते है और वो है page builder by site origin आप इसको युस करना सीखिए आप आसानी से आकर्षक वेब पेज बना सकेंगे | जल्दी से रिकैप लेते है – अपनी आवश्यकता के अनुसार पेज बनाये अपने पोस्ट के पेज को होम पेज पे सेलेक्ट करे जिसका आप्शन आपको थीम की सेटिंग में मिलेगा, यहाँ आपको आपका आपका होम पेज डिस्प्ले आप्शन मिलेगा, उसपे स्टेटिक पेज पे क्लिक करे फिर पोस्ट पेज को होम पेज पे क्लिक करे और सेव कर देवे | पोस्ट लिखे सेव करे और पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद पोस्ट करे | बधाई हो आपने अपने ब्लॉग की पहली पोस्ट दुनिया के लिए पोस्ट कर दी है | ब्लॉग से पैसा कैसे कमाते है – यू तो ब्लॉग से पैसा कई तरह से कमाया जाता है, जो इस प्रकार है – अपनी वेबसाइट पे विज्ञापन दिखा कर – सीपीसी (कास्ट पर क्लिक ) – इस तरह की साईट मोनिटाइजेशन स्कीम में आप अपनी वेबसाइट पे विज्ञापन दिखाते है, और जब भी कोई उस विज्ञापन पे क्लिक करके विज्ञापन देने वाले की वेबसाइट पे पहुचता है, वेबमास्टर को विज्ञापन का पैसा मिल जाता है, इसमें सबसे आसन और भरोसेमंद है गूगल ऐड सेंस प्रोग्राम, ऐड सेंस प्रोगाम की खूबसूरती ये है की ये खुद निर्णय करता है की आपकी वेब साईट पे किस प्रकार के विज्ञापन दिखाए जाये, और अब तो ऐड सेंस कस्टमर की ब्राउज़िंग हिस्ट्री के अनुसार भी विज्ञापन दिखने लगा है | सीपीएम ऐड नेटवर्क – इस प्रकार के विज्ञापन प्रोग्राम में कास्ट पर बंच और इम्प्रेस अर्थात हर 100 क्लिक पे पैसा मिलता है, शुरूआत में इससे ज्यादा लाभ नहीं मिलता है, पर जब ट्राफिक बढ़ता है, हमारी इनकम बढ़ने लगती है | एफिलिएट प्रोडक्ट सेल – एफिलिएट सेल में आप अपनी वेबसाइट को किसी शौपिंग वेबसाइट में रजिस्टर करते है और उनके एफिलिएट बनते है, फिर आप अपनी पसंद के प्रोडक्ट चुनते है, जिनके बारे में आप जानकारिया अपनी वेबसाइट पे डालते है, मान लीजिये कोई कैमरा खरीदना चाहता है पर उसे अच्छे कैमरे के बारे में कोई जानकारी नहीं है जैसे कितने पिक्सेल का ले, कौन सी कंपनी का सही है, कैमरा लेते समय किन किन बातो का ध्यान रखना चाहिए तो उसकी इस समस्या को आप अपनी वेबसाइट से सुलझा सकते है, और विजिटर को जो भी कैमरा आप खरीदने का सुझाव देते है, उसके पेज की यूआरएल की लिंक अपने आर्टिकल में पेस्ट करते है, ये लिंक आप उस वेबसाइट से लेते है जहा अपने एफिलिएट मार्केटिंग के लिए रजिस्टर किया है, जब भी कोई आपकी लिंक से उस वेबसाइट पे जायेगा और कोई सामान खरीदेगा तो बदले में आपको कुछ प्रतिशत कमीशन मिलेगा amazon affiliate, flipkart affiliate और लगभग सभी बड़ी ऑनलाइन शोपिंग कम्पनीज के एफिलिएट प्रोग्राम है, जिनपर वो आपके ब्लॉग से गये विजिटर की खरीदी पे कमीशन देते है | डायरेक्ट ऐड सेल – मान लीजिये आप कोई लोकल विषय पे ब्लॉग बनाते है, जो आपके शहर जहा आप रहते है से सम्बन्धीत है, तो आप अपनी वेबसाइट में लोकल विज्ञापन की जगह भी बेच सकते है, और अगर बड़ा ब्लॉग है तो भी आप डायरेक्ट विज्ञापन दाता से संपर्क करके अपने ब्लॉग पे विज्ञापन दे सकते है |"



"इन सबके अलावा आप अपने ब्लॉग के विषय से सम्बन्धी सामान भी बेच सकते है, कोई डिजिटल प्रोडक्ट जैसे कोर्स, ईबुक आदि बना कर भी बेच सकते है, मान लीजिये आप स्पोर्ट्स की जानकारी पे ब्लॉग बना रहे है तो आप अपनी वेबसाइट पे स्पोर्ट्स सामान भी बेच सकते है, इसके लिए आपको शौपिंग कार्ट, और पेमेंट ट्रान्सफर मेथड अपनी साईट पे इनस्टॉल करनी होगी, पर अगर आप अपने ब्लॉग पे सही जानकारिया देकर अपने यूजर की मदद करते है तो वो जल्द ही आपके वफादार ग्राहक बन जायेंगे | ईमेल लिस्ट – आपको अपने ब्लॉग विसिटस की ईमेल लिस्ट भी बनानी चाहिए जिससे आप जब भी कोई नया प्रोडक्ट लांच करे अथवा पोस्ट लिखे तब आप इसकी जानकारी अपने विजीटर्स को ईमेल के द्वारा भेजे मान लीजिये आपके पास 10000 विसिटर्स की ईमेल लिस्ट है और आप उनको अपने नए प्रोडक्ट की जानकारी ईमेल के द्वारा भेजते है, और उनका दस प्रतिशत भी खरीदता है तो आपकी प्रोडक्ट लांचिंग कास्ट आसानी से निकल जायेगी | वेबसाइट ट्राफिक – कोई भी वेबसाइट अथवा ब्लॉग तभी सफल हो सकता है जब उसपे अच्छी मात्रा में विसिटर्स आये, बिना विसिटर्स के वेबसाइट एक वीरान महल की तरह रहेगी, ब्लॉग बनाना बहुत आसन है, पर ब्लॉग पे विजीटर लाना एक चुनौती से से कम नहीं है, अगर आप ब्लॉग बना कर सोच रहे है की आपका काम पूरा हो गया तो आप गलत सोच रहे है, असली काम तो अब शुरू हुआ है जो अधिक परिश्रम का है, वेबमास्टर अपनी वेबसाइट पे कई तरह से विसिटर्स लाते है | जहाँ बड़ी कम्पनीज और आर्गेनाईजेशन विज्ञापन का बड़ा बजट रखकर अपनी वेबसाइट का ब्रांड स्थापित करते है, वही छोटे ब्लॉगर के पास इतने बड़े पैमाने पर विज्ञापन के लिए खर्च करने के लिए पैसा नहीं होता है, ऐसे लोग अपनी वेबसाइट के ट्रैफिक के लिए सर्च इंजन पर निर्भर रहते है | सर्च इंजन से ट्रैफिक पाने के लिए आपको अपने ब्लॉग को सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन करना होगा, आइये जानते है search engine क्या होता है और उसे optimize कैसे करते है ? सर्च इंजन एक प्रकार के कंप्यूटर होते है जो गणितीय अल्गोर्मिथ के आधार पे वेब पे मोजूद करोड़ो पेजेज में से वो जानकारी कुछ ही सेकंड में तलाश करके सिस्टमेटिक तरीके से अपने पेज पे दिखाते है जो उनके यूजर जानना चाहते है | आप सभी ने कभी न कभी नेट पे गूगल पे कुछ सर्च किया होगा, जब भी आप नेट पे कोई जानकारी चाहते है पहले गूगल पे सर्च करते है, जैसे ही आप अपना प्रश्न गूगल के सर्च बॉक्स में डालते है, उसके कंप्यूटर करोड़ो पेजेज को क्रोव्ल करके आपकी सर्च के अनुसार सबसे सटीक और करीबी ऐसे वेब पेज आपके सामने दिखाते है जिनसे आपकी जानकारी की तलाश पूरी हो जाये | यूजर जो रिजल्ट सबसे पहले पेज पे अपने सामने पाता है उसपर क्लिक करता है, और उसको अपनी चाही जानकारी मिल जाती है, अब आपके सामने एक ब्लॉगर के रूप में चुनौती ये है की आपको अपने वेब पेजेज इन सर्च इंजन के पहले पेज पे रैंक करवाना है जो की आसान नहीं है, इसके लिए आपको क्या करना चाहिए विस्तार से समझते है हलाकि सर्च इंजन इस बारे में जानकारी किसी के साथ साझा नहीं करते फिर भी कुछ टिप्स है जिनसे आप अपनी साईट को सर्च इंजन में रैंक करवा सकते है – कंटेंट - सर्च इंजन अपने यूजर को उच्च गुणवत्ता मुहैया करवाना चाहते है, इसलिए ये जरुरी है की आपका आर्टिकल जिस भी विषय पे लिखा हो सबसे बेहतरीन हो, पूरी जानकारी कवर करता हो, और सटीक हो, अतः अपने कंटेंट की क्वालिटी पे ध्यान रखे | गूगल क्रोव्ल करते समय यूजर द्वारा सर्च बॉक्स में डाले गये की वर्ड को तलाश करता है, इसलिए आवश्यक है की आपके आर्टिकल के हैडिंग में की वर्ड का उपयोग सावधानी से किया गया हो इसे ओन पेज ऑप्टिमाइजेशन कहते है | अपने आर्टिकल के पहले पेराग्राफ में भी आप की वर्ड का उपयोग करे जिससे सर्च इंजिन को ये पता करने में आसानी रहती है की आपका आर्टिकल किस विषय पे लिखा गया है | यूजर अगर आपका आर्टिकल पढने योग्य पाता है, और अपना कुछ समय आपकी वेबसाइट पे बिताता है तो ये भी गूगल के लिए ग्रीन सिग्नल है की आपकी साईट में पढने योग्य आर्टिकल है | डोमेन – डोमेन को सर्च इंजन ब्रांड की तरह मानते है, जितना पुराना डोमेन रजिस्ट्रेशन उतना ही साईट को अच्छा माना जाता है | ब्रांडिंग – आपकी कंपनी अगर पहले से ही एक ब्रांड के रूप में स्थापित है तो ये भी सर्च इंजिन के लिए बिग यस होता है | अगर आपकी वेबसाइट दूसरी प्रतिष्ठित वेबसाईट से लिंक है तो इसे भी सर्च इंजन अच्छा मानते है, इसलिए अपने वेबसाइट की इंटरनल लिंक और एक्सटर्नल लिंकिंग पर भी ध्यान दे इसके लिए आवश्यक है की आप दुसरे ब्लॉग पे गेस्ट पोस्टिंग दे और वहा पे अपने ब्लॉग की लिंक छोड़े, इसके अलावा फोरम, सोशल मीडिया पे आपकी वेबसाइट के विषय पे हो रहे संवाद में भाग ले और वंहा भी अपनी लिंक छोड़े | अपनी साईट पे गूगल सर्च कंसोल google search console को सेट अप करे | दूसरी वेबसाइट से आर्टिकल कॉपी न करे, अच्छे से अच्छा आर्टिकल लिखे | मोबाइल रेस्पोंसिव डिजाईन वाली थीम ही चूस करे | अपनी वेबसाइट की स्पीड का ध्यान रखे आप अपने वेबसाइट की स्पीड ऑनलाइन टूल्स की मदद से चेक भी कर सकते है, अपनी इमेजेज को पहले कॉम्प्रेस कर ले इसके लिए भी आपको ऑनलाइन कई टूल्स मिल जायेंगे जिसमे गूगल का भी टूल शामिल है | सर्च इंजन को अपनी वेबसाइट का साईट मेप भी भेजे | अपने यूआरएल को की वर्ड के आधार पे रखे, अपने पेजेज में मेटा टैग्स, टाइटल टैग्स, डिस्क्रिप्शन आदि सही से फिल करे | सोशल मीडिया मार्केटिंग, ईमेल मार्केटिंग, और लिंक बिल्डिंग सर्च इंजन को बताती है की आपके बाहरी दुनिया से अच्छे सम्बन्ध है | अपनी इमेज के डिसक्रिपशन में भी की वर्ड डाले वर्डप्रेस में जब भी आप नयी इमेज अपने पेज अथवा पोस्ट में डालेंगे तो इमेज अपलोडर के पास ही आपको डिसक्रिपशन का आप्शन भी दिखाई देगा इसमें भी अपने इमेज के रिलेटेड की वर्ड डाले | दूसरी वेबसाइट पे गेस्ट पोस्टिंग करे, अपने आर्टिकल सोशल मीडिया में भी डाले इससे भी आपको न सिर्फ ट्रैफिक मिलेगा आपकी सर्च रैंकिंग भी बढ़ेगी | मेटा कीवर्ड – मेटा कीवर्ड आपकी पोस्ट के विषय को समझने में सर्च इंजन की मदद करते है बार बार अपने आर्टिकल में कीवर्ड डालने को keyword stuffing कहते है इससे बचे सर्च इंजन इसे पसंद नहीं करते है | अपनी साईट पे बेस्ट एस ई ओ प्लगइन इनस्टॉल करे | अपनी साईट पर अपनी प्रोफाइल भी बनाये | गूगल एसईओ गाइडलाइन को फॉलो करे | अपने आप को quara पे रजिस्टर करे और जब भी आपके विषय पे कोई सवाल पुछा जाये तो जवाब दे | अपने अनुभव से सीखते रहे और एक्सपेरिमेंट करते रहे क्या परिवर्तन करने से आपकी रेंकिंग बढ़ रही है | ट्रैफिक के दुसरे तरीके – दुसरे ब्लॉग पर कमेंट करे गेस्ट पोस्टिंग – अन्य ब्लॉगर से सम्बन्ध बनाये और उनके ब्लॉग पे पोस्ट लिखे हो सके तो वह अपने ब्लॉग की लिंक छोड़े ये फ्री का विज्ञापन आपको आपके ब्लॉग पे ट्रैफिक का एक सबसे सस्ता रास्ता हो सकता है, इस तरह आप ब्लॉगर की कम्युनिटी से भी जुड़ेंगे | वेब डायरेक्ट्रीज जोइंग करे – अगर आपका ब्लॉग नया है तो सबसे पहले आपको अपने ब्लॉग के विषय पे ऑनलाइन सर्च करनी चाहिए – web directories इससे आपको वेब पे मोजूद कई सारी वेब डायरेक्ट्रीज की जानकारी मिलेगी, dir.yahoo.com, botw.org, dmoz.org, blogged.com, joeant.com, greenstalk.com आदि कुछ वेब डायरेक्ट्रीज है जन्हा आप अपनी वेबसाइट लिस्ट कर सकते है | आर्टिकल सबमिशन – अपने नए आर्टिकल आर्टिकल सबमिशन साईट पे सबमिट करे, वहां से आपको अच्छी मात्रा में ट्रैफिक मिलने की सम्भावना रहती है, कुछ वेब डायरेक्ट्रीज है – Ezinearticle.com Buzzle.com Articlecity.com Buzzle.com Articledashboard.com कितने समय में आप अपने ब्लॉग से पैसा कमाने में लगेंगे – हर व्यापार को जमने में कुछ समय लगता है, सबसे पहले आपको अपने ब्लॉग को सेट अप करने, फिर उसपे पोस्ट डालने और सर्च इंजिन में ऑप्टिमाइज़ करवाने में लगभग 6 महीने का समय तो लग ही जायेगा, उसके बाद सर्च इंजन भी ऑप्टिमाइजेशन में कुछ समय लगते है, मोटे तौर पर साल भर का समय तो माना जा सकता है | ब्लॉगिंग के लिए कुछ टिप्स – आप जिस भी विषय पे लिखे पोस्ट रोचकता से भरपूर और मनोरंजक हो | हर पोस्ट कम से कम 500 शब्दों की हो, ज्यादातर ब्लॉगर अपनी पोस्ट इतने ही शब्दों की लिखते है | प्रतिदिन लिखने की आदत डाले, एक या दो पोस्ट प्रतिदिन डालते रहे इससे आपके विजिटर बार बार आपके ब्लॉग पे आते रहेंगे और सर्च इंजन को भी अपडेट मिलता रहेगा | ब्लॉगिंग एक या दो दिन में सफल होने वाला बिज़नस नहीं है, धेर्य रखिये और अच्छे से अच्छा लिखने का प्रयास कीजिये | अपने प्रतिस्पर्धियो पे नजर रखिये वो क्या नया कर रहे है | अपने ब्लॉग की पोस्ट की हैडलाइन आकर्षक बनाने का प्रयास करे साथ ही उनमे की वर्ड भी डाले | अपनी बात को संक्षेप में समझाने का प्रयास करे, हो सके तो रिसर्च रिपोर्ट्स और आकड़ो का का समावेश भी अपनी पोस्ट में करे | 


इस पोस्ट में मैंने ब्लॉगिंग के सभी टॉपिक्स को कवर किया है, जो एक नए ब्लॉगर को जानना जरुरी होता है, फिर भी कंप्यूटर और ऑनलाइन दुनिया एक बड़े सागर की तरह है, जिसमे आपको कई चीजे अपने अनुभव और प्रक्टिस से सीखनी है | मेरी शुभकामनाये | 

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